
अम्बेडकरनगर
यूपी में सरकारी अधिकारियों की मनमानी के चलते होने वाले भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए सूबे की योगी सरकार प्रयास करती रही है। इसके चलते जीरो टॉलरेंस नीति पर लगातार आगे बढ़ रही योगी सरकार ने इस दिशा में अहम कदम उठाए हैं। इसके पश्चात भी व्यवसाय के नाम पर विभाग को छलने वाले फरेबी व्यापारियों तथा विभाग के जिम्मेदार अधिकारी और बैंक की मिली भगत से दिए गए लाभ का दुरुपयोग करने वाले व्यापारियों का खुलासा जल्द ही मीडिया करेगी। लोगों द्वारा बताया जाता है कि जिसमें कुछ फरेबी व्यवसायी ऐसे भी हैं, जो जिला उद्योग केंद्र से ऋण की फाइल तैयार कराने के बाद बैंकों की मिली भगत से सिर्फ सब्सिडी का लाभ लेने तक सीमित है। अधिकांश व्यापारियों द्वारा इकाईयां स्थापित न कर उसे धन का उपयोग अन्य व्यवसाय में व्यापारियों द्वारा किया जा रहा है ऐसे लोगों द्वारा सरकार की योजनाओं का लाभ विभाग के कर्मचारी और अधिकारियों से मिलकर तथा बैंक को मिलाकर लिया जाता है और जो लोग सिर्फ सब्सिडी का लाभ लेने के लिए फाइल तैयार करते हैं।जल्द ही ऐसे लोगों को चिह्नित करके खुलासा किया जाएगा । इस प्रकार के मामलों में संलिप्त जिम्मेदार अधिकारी और कर्मचारी तथा बैंक के जिम्मेदार अधिकारियो पर उचित कार्यवाही होनी चाहिए।
दोनों हाथ से लूट रहे विभाग के जिम्मेदार
विभाग के जिम्मेदार अधिकारी फरेबी व्यवसाइयों को प्रोत्साहन देकर दोनों हाथ से लूट रहे हैं। उनका कहना होता है कि योजनाओं में यह नहीं कहा जाता है कि जिस व्यक्ति को एक बार लाभ मिल चुका है, उसे दोबारा न दिया जाए। इसी बहाने वह भी अपनी जेब भरने में पीछे नहीं रहते हैं। मिली जानकारी के अनुसार जनपद में उद्योग विभाग में जिम्मेदार अधिकारी ने अपने प्राइवेट आदमी रखे हुए हैं जिनके द्वारा सभी समस्याओं का समाधान किया जाता है।फिलहाल अभी तक मीडिया की पड़ताल में इस तरह के फरेबी व्यवसाइयों की संख्या आधा दर्जन से अधिक है। जो सिर्फ सब्सिडी का लाभ लेने के लिए कभी पत्नी, बेटे और बेटी के नाम कर्ज लेते हैं। सब्सिडी का लाभ मिलते ही कर्ज की अदायगी कर नया खाता खोलवा लेते हैं।सरकारी अफसरों की मिली भगत के चलते सरकारी कार्यालयों में पैर पसारते जा रहे भ्रष्टाचार के खिलाफ योगी सरकार की मंशा पर पानी फेर रहे घूसखोरों, बिचौलियों और दलालों के हौसले पूरी तरह से बुलन्द हैं। इस संदर्भ में उपयुक्त श्रम शमसुद्दीन सिद्दीकी से वार्ता करने का प्रयास किया गया परंतु फोन नहीं रिसीव हुआ।